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ऑक्सिजन सिलिंडर के साथ 10वीं में आई फर्स्ट

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बरेली
कहते हैं कि इरादे बुलंद हों तो बड़ी से बड़ी परेशानियां भी उसके आगे फेल हैं। यह बात बरेली की 16 साल की सफिया जावेद पर बिल्कुल सटीक बैठती है। पढ़ाई को लेकर सफिया के जुनून के आगे उनके कमजोर फेफड़ों में जमा हो रहे बैक्टीरिया ने भी हार मान ली। सफिया ने हाईस्कूल की परीक्षा भी ऑक्सिजन सिलिंडर के साथ दी थी और उन्हें उनकी मेहनत और लगन का परिणाम भी मिला। सफिया ने 69 फीसदी नंबर के साथ फर्स्ट डिविजन में परीक्षा पास की।

दरअसल सफिया पिछले पांच साल से ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) से जंग लड़ रही हैं। सफिया को हरवक्त ऑक्सिजन सिलिंडर के साथ रहना पड़ता है और इसी के बलबूते उन्होंने हाईस्कूल की परीक्षा भी दी। रिजल्ट आया तो सफिया की खुशी का ठिकाना न रहा, परीक्षा में उन्हें 69 फीसदी नंबर मिले। इसमें सबसे ज्यादा नंबर 82 कला में मिले, इंग्लिश में 77 और सामाजिक विज्ञान में 68 नंबर आए।


बेटी को परीक्षा दिलाने के लिए नौकरी से ली छुट्टी
सफिया के पिता ने बताया, 'उसकी किताबें और पढ़ाई शायद उसकी सेहत में सुधार का राज है।' तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी सफिया कमजोर फेफड़ों की समस्या से जूझ रही हैं और ऑक्सिजन सिलिंडर हमेशा उसके साथ रहता था। सफिया के पिता सरवर जावेद नोएडा में प्राइवेट फर्म में काम करते हैं, उन्होंने अपनी बेटी को परीक्षा दिलाने के लिए नौकरी से छुट्टी ली।

पैरंट्स का हर वक्त सपोर्ट मिला

सरवर ने बताया, 'गालब्लैडर सर्जरी के बाद मेरी बेटी की स्थिति खराब होने लगी। उसे टीबी हो गया था। प्राइवेट अस्पताल लेकर गए जहां उसे सुधार पाया गया लेकिन बाद में पल्मोनरी टीबी डायग्नोस हुई। उसके फेफड़ों में अक्सर पानी भर जाता है और उसकी प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट दी गई।' सफिया ने कहा, 'मेरे माता-पिता ने मुझे बहुत सपोर्ट किया। उन्होंने मुझ पर हमेशा विश्वास किया। मैं खुश हूं कि मैंने अपने पैरंट्स की उम्मीदें पूरी कीं।'

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