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मुस्लिम टीचर ने की हिंदू साथी की अंत्येष्टि

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जलपाईगुड़ी
धार्मिक एकता की इससे बड़ी मिसाल शायद ही कहीं देखने को मिले, जहां बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में एक मुस्लिम स्कूल टीचर ने अपने हिंदू साथी का अंतिम संस्कार करने के लिए अपना सिर और मूंछें मुड़वाईं। इसके बाद अशफाक अहमद ने पूरे रीति-रिवाजों के साथ संजन कुमार बिश्वास का अंतिम संस्कार किया।

दरअसल में संजन के परिवार में उनकी तीन बेटियां ही थीं तो अशफाक ने उनका अंतिम संस्कार करने का फैसला किया। इतना ही नहीं, जिस तरह से हिंदुओं में परिवार के सदस्य 11 दिन का शोक मनाते हैं, वैसे ही अशफाक, उनकी पत्नी और उनका नौ साल का बेटा भी शोक मनाएंगे। आपको बता दें कि बनेरहाट हाई स्कूल से संजन 2005 में रिटायर हुए थे, जबकि अशफाक अब भी वहीं पढ़ाते हैं। अशफाक संजन को अपना मेंटर मानते थे। 1999 में जब अशफाक ने स्कूल जॉइन किया था, तब से संजन ने उन्हें काफी कुछ सिखाया था।

'हर वक्त मेरे साथ खड़े रहे संजन सर'
अशफाक ने कहा, 'जब मेरा अपॉइंटमेंट हुआ तो कई लोगों ने इसका विरोध किया कि धर्म के आधार पर किसी की नौकरी गलत है लेकिन संजन सर मेरे साथ खड़े रहे। उन्होंने मुझसे यह सब इग्नोर करने को कहा और तब तक मुझे अपने घर पर रखा, जब तक मुझे मेरा घर नहीं मिल गया। वह मानवता में विश्वास करते थे, धर्म में नहीं।'

आपको बता दें कि अशफाक के पिता अभी मुर्शीदाबाद में रहते हैं। अशफाक ने कहा, 'मैं उदारवादी विचारों वाला व्यक्ति हूं, और यह सब संजन सर की वजह से है। मैं हमेशा कहता हूं कि मेरे तीन पिता हैं- एक जिन्होंने मुझे जन्म दिया, दूसरे मेरे गुरु और तीसरे संजन सर।' उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि लोग क्या कह रहे हैं, उन्होंने बस वही किया, जिसकी जरूरत थी।

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