40 साल के अनवर अहमद को बकरीद पर इससे बेहतर खुशी नहीं मिल सकती थी। वह अपने घर पर खुशियां लाने के लिए विनोद मेहरा के आभारी हैं, तो खुद मेहरा भी उन्हीं वजहों से अहमद के आभारी हैं। एक हिंदू हैं तो दूसरे मुलसमान, लेकिन दोनों ने जयपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में एक दूसरे की पत्नियों के लिए अपने-अपने किडनी दान किये हैं।40 साल के अनवर अहमद को बकरीद पर इससे बेहतर खुशी नहीं मिल सकती थी। वह अपने घर पर खुशियां लाने के लिए विनोद मेहरा के आभारी हैं, तो खुद मेहरा भी उन्हीं वजहों से अहमद के आभारी हैं। एक हिंदू हैं तो दूसरे मुलसमान, लेकिन दोनों ने जयपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में एक दूसरे की पत्नियों के लिए अपने-अपने किडनी दान किये हैं।
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