अब लावारिस नवजात शिशुओं के पालन-पोषण के लिए पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को किसी एनजीओ की सहायता नहीं लेनी पड़ेगी। ऐसे बच्चों के लिए जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में पालना (शिशु स्वागत केंद्र) बनाए जाएंगे। यहां तीन महीने तक के नवजात शिशुओं की देखभाल और लालन-पालन किया जाएगा।अब लावारिस नवजात शिशुओं के पालन-पोषण के लिए पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को किसी एनजीओ की सहायता नहीं लेनी पड़ेगी। ऐसे बच्चों के लिए जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में पालना (शिशु स्वागत केंद्र) बनाए जाएंगे। यहां तीन महीने तक के नवजात शिशुओं की देखभाल और लालन-पालन किया जाएगा।
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