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कोरोना वॉरियर: सबसे हल्की PPE किट, 5 बार रहेगी फिट

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वीर सिंह यादव, लखनऊ
कभी बीहड़ और डकैतों के लिए पहचाने जाने वाले यूपी के बुंदेलखंड ने कोरोना से जंग में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। जालौन के उरई निवासी प्रफेसर एसएम इश्तियाक ने देश की सबसे कम वजन वाली पीपीई किट बनाकर यूपी का गौरव बढ़ाया है। खास बात यह है कि 290 ग्राम की इस किट को पांच बार इस्तेमाल में लाया जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय मानकों पर तैयार किट को देश में बिक्री के लिए भारत सरकार और डब्ल्यूएचओ से मान्यता मिल गई है। अब इसे दूसरे देशों में निर्यात के लिए कोलकाता स्थित भारत सरकार के यूनिक सर्टिफिकेट कोड (यूसीसी) के दफ्तर में आवेदन किया गया है।

लॉकडाउन में उरई में फंसे, फिर आया आइडिया
आईआईटी दिल्ली के डिपार्टमेंट ऑफ टेक्सटाइल टेक्नॉलजी में तैनात प्रफेसर ने बताया कि देश में लॉकडाउन लगने के समय वह उरई में थे और कहीं जा नहीं सके। इसी दौरान उन्हें अच्छी गुणवत्ता वाली और आरामदायक पीपीई किट तैयार करने का आइडिया आया। इसके बाद तुरंत उन्होंने एक परिचित की मदद से कानपुर स्थित एक औद्योगिक इकाई से संपर्क कर कच्चे माल की डिमांड की।

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डब्ल्यूएचओ मानक से दो दर्जा ऊपर, कीमत 800 रुपये
फायर सिक्यॉरिटी से जुड़े उपकरण बनाने वाली इकाई ने अनुबंध के तहत रॉ-मटीरियल उपलब्ध करवाया। मटीरियल पर करीब दो महीने के शोध के बाद वह फाइबर की प्रॉसेसिंग कर धागे बनाने में सफल हुए। इस तरह मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ और डब्ल्यूएचओ के मानकों से दो दर्जा ऊपर यानी लेवल-5 (14 किलोपास्कल) की पीपीई किट तैयार की। इसे सरकार की स्वीकृति के बाद बीते महीने कानपुर की कंपनी ने व्यावसायिक अनुबंध के तहत बाजार में 800 रुपये में उतार दिया है।

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फाइबर को बनाया किट का आधार
प्रफेसर इश्तियाक कहते हैं कि किट का बजट शुरू से हमारे केंद्र में रहा। इसे ध्यान में रखते हुए हमने फाइबर को आधार बनाया। सबसे पहले फाइबर को प्रॉसेस करके धागे बनाए गए। सफोकेशन न हो, इसके लिए इसे कपड़े की स्टेज तक ले गए। इसके बाद पॉलियूरिथीन की कोडिंग की। इसके बाद ऐंटी बैक्टीरियल ट्रीटमेंट किया गया।


किट को पांच बार उपयोग करें
प्रफेसर इश्तियाक ने बताया कि यह किट बाजार में उपलब्ध पीपीई किट से काफी अलग है। इसे एक बार उपयोग के बाद सोडियम हाइड्रो क्लोराइड और हाइड्रोजन पर ऑक्साइड के घोल में 30 मिनट भिगाकर सुखाने के बाद दोबारा प्रयोग किया जा सकता है। ऐसा करके किट को पांच बार उपयोग में लाया जा सकता है।

प्रफेसर इश्तियाक कहते हैं, 'हमारे छोटे से प्रयास से प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के मिशन को बल मिला है। हमारा प्रयास है कि इस किट को दूसरे देशों में निर्यात किया जाए, ताकि देश के लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ सकें।'

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