पुणे
महाराष्ट्र के पुणे शहर में एक वाटर प्लांट ऐसा भी है, जहां काम करने वाले सभी ट्रांसजेंडर हैं। यह प्लांट पिछले महीने ऐक्टिविस्ट लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने स्थापित किया है, जिसका मकसद है कि ट्रांसजेंडरों को भी रोजगार मिल सके। इस प्लांट में काम करने वाली ट्रांसजेंडर्स में से कुछ तो ऐसी भी हैं, जो पहले भीख मांगती थीं।
ट्रांसजेंडर समुदाय को अब भी समाज में समान अधिकार नहीं मिलता, वहीं जॉब हासिल करने में भी उन्हें परेशानी होती है। इस वाटर प्लांट में चार ट्रांसजेंडर महिलाओं को जॉब दी गई है, जहां इन्हें हर महीने सैलरी मिलेगी। प्लांट में जॉब मिलने से पहले इनमें से कोई सड़क पर भीख मांगती थीं तो कोई शादियों में नाच-गाकर किसी तरह अपना पेट पालती थीं।
बताया गया कि इनमें से एक घर पर बैठी थी और परिवार को सहारा देने के लिए उनके पास कोई जरिया नहीं था। हालांकि, अभी प्लांट अपने शुरुआती चरण में है। इससे रोजाना 200 कैन मिनरल वाटर तैयार हो रहा है। इसे पुणे में स्थित मल्टिनैशनल कंपनियों में सप्लाई किया जाता है। इस प्लांट के कॉर्डिनेटर के मुताबिक, इन लोगों को नौकरी पर रखने के बाद प्लांट का उत्पादन बढ़ गया है। यह पहला प्लांट है, जिसे सिर्फ टांसजेंडर चलाती हैं। इस प्लांट में सभी कर्मचारी ट्रांसजेंडर हैं।
महाराष्ट्र के पुणे शहर में एक वाटर प्लांट ऐसा भी है, जहां काम करने वाले सभी ट्रांसजेंडर हैं। यह प्लांट पिछले महीने ऐक्टिविस्ट लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने स्थापित किया है, जिसका मकसद है कि ट्रांसजेंडरों को भी रोजगार मिल सके। इस प्लांट में काम करने वाली ट्रांसजेंडर्स में से कुछ तो ऐसी भी हैं, जो पहले भीख मांगती थीं।
ट्रांसजेंडर समुदाय को अब भी समाज में समान अधिकार नहीं मिलता, वहीं जॉब हासिल करने में भी उन्हें परेशानी होती है। इस वाटर प्लांट में चार ट्रांसजेंडर महिलाओं को जॉब दी गई है, जहां इन्हें हर महीने सैलरी मिलेगी। प्लांट में जॉब मिलने से पहले इनमें से कोई सड़क पर भीख मांगती थीं तो कोई शादियों में नाच-गाकर किसी तरह अपना पेट पालती थीं।
बताया गया कि इनमें से एक घर पर बैठी थी और परिवार को सहारा देने के लिए उनके पास कोई जरिया नहीं था। हालांकि, अभी प्लांट अपने शुरुआती चरण में है। इससे रोजाना 200 कैन मिनरल वाटर तैयार हो रहा है। इसे पुणे में स्थित मल्टिनैशनल कंपनियों में सप्लाई किया जाता है। इस प्लांट के कॉर्डिनेटर के मुताबिक, इन लोगों को नौकरी पर रखने के बाद प्लांट का उत्पादन बढ़ गया है। यह पहला प्लांट है, जिसे सिर्फ टांसजेंडर चलाती हैं। इस प्लांट में सभी कर्मचारी ट्रांसजेंडर हैं।
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