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किडनी डोनेट करने में तोड़ी धर्म की दीवारें

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चंडीगढ़
जहां देश में आज भी धर्म और जातिवाद का जहर घोलने में कुछ लोग पीछे नहीं हटते, वहीं एक हिंदू और एक मुस्लिम परिवार ने धर्म की दीवार तोड़कर एक-दूसरे के परिवार के सदस्यों को किडनी डोनेट कर कीमती जानें बचा दीं। अपने आप में देशभर के लिए नजीर पेश करने वाले यूनीक किडनी स्वैप ट्रांसप्लांट से जुड़े इस मामले में बिहार की हिंदू महिला और कश्मीर के मुस्लिम व्यक्ति को बचाया गया।

दरअसल, डॉ. प्रियदर्शी रंजन द्वारा विकसित मोबाइल ऐप आईकिडनी ने दो परिवारों के बीच किडनी के आदान-प्रदान में बहुत बड़ी मदद की। एक महत्वपूर्ण सर्जरी करते हुए जाने माने ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. प्रियदर्शी रंजन और टीम ने एक किडनी को ट्रांसप्लांट करते हुए हिंदू और मुस्लिम परिवारों के बीच रिश्तों का नया बंधन बना दिया। डॉ. प्रियदर्शी रंजन यूरोलॉजी, एंड्रोलॉजी तथा ट्रांसप्लांट सर्जरी के कंसलटेंट भी हैं। वे इस सर्जरी में डॉक्टर्स का नेतृत्व कर रहे थे।

दोनों परिवार ने एक-दूसरे से यूं किया संपर्क
अब्दुल अजीज (53) एक कश्मीरी मुसलमान पिछले एक साल से किडनी फेल होने के कारण डायलिसिस पर जिंदगी का संघर्ष कर रहे थे। उनकी पत्नी शाजिया (50) अपनी किडनी डोनेट करना चाहती थीं, लेकिन उसका ब्लड ग्रुप मैचिंग नहीं था। इस कारण किडनी ट्रांसप्लांट संभव नहीं हो पा रहा था। इसी तरह मंजुला देवी (42) और पति सुजीत कुमार (46) का भी ब्लड ग्रुप मैच न होने के कारण किडनी ट्रांसप्लांट संभव नहीं हो पा रहा था।

दोनों परिवारों को स्वैप किडनी ट्रांसप्लांट द्वारा आशा की एक किरण मिली, जहां ये दोनों परिवार एक-दूसरे के साथ आई किडनी ऐप के जरिए संपर्क में आए। डॉ. रजंन ने कहा, ‘जब हमें वास्तविक मानवीय भावनाओं और संवेदनाओं के साथ जीने का अवसर मिलता है तो हमें संतुष्टि होती है, जो धर्मों और अन्य सभी मुद्दों के चलते पैदा हुई सीमाओं से भी परे है।’

हिंदू महिला ने कहा, मानवता की सबसे बड़ी मिसाल

शाजिया की किडनी प्राप्त करने वाली मंजुला देवी ने कहा, 'मैं बहुत खुशकिस्मत महसूस करती हूं कि हमारा शाजिया के परिवार से संपर्क हुआ। यह मुझे एक महान शक्ति देता है कि मानवता, सभी धर्मों से ऊपर है और सभी का सबसे बड़ा धर्म है।'

दूसरी ओर सुजीत कुमार से किडनी प्राप्त करने वाले श्री अब्दुल अजीज ने कहा, 'अब हम जानते हैं कि किसी व्यक्ति की जरूरत के समय में मदद करना किसी के लिए सबसे बड़ा काम है। इस अदला-बदली के माध्यम से हमने जो अनुभव किया, वह मानवता, प्रेम और देखभाल के अतिरिक्त असाधारण नहीं है। हम इस संबंध में किए गए हर काम के लिए डॉ. रंजन को धन्यवाद देते हैं।'


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