हैदराबाद
हैदराबाद के एक ऑटो ड्राइवर ने ईमानदारी की नायाब मिसाल पेश की है। उसके ऑटो में गलती से छूटा रुपयों से भरा बैग उसने लौटा दिया। इस बैग में दस लाख रुपये थे। ऑटो ड्राइवर के ऊपर खुद कर्ज है, लेकिन उसका ईमान नहीं डगमगाया। इस ईमानदारी से खुश होकर सिड्डीपेट में किराने की दुकान चलाने वाले दो भाइयों ने उन्हें दस हजार रुपये का इनाम दिया है।
30 साल के ऑटो ड्राइवर जे. रामुलू नालगोंडा जिले के आदिवासी इलाके देवराकोंडा के रहने वाले हैं। बुधवार को उनके ऑटोरिक्शा में दो आदमी बैठे। रामुलू ने उन्हें गचिबावली इलाके के श्री राम नगर कॉलोनी में छोड़ा। दोनों को उतारने के बाद रामुलू कुछ दूरी पर पहुंचे थे कि उन्होंने देखा कि सीट के पीछे एक बैग रखा है। उन्होंने वह बैग खोला तो देखा कि वह नोटों से भरा था। वह डर गए।
रामुलू ने बताया, 'मैं सिकंदराबाद के जुबली बस स्टेशन के पास लगभग पहुंच चुका था। मुझे एहसास हुआ कि शायद यह बैग उन्हीं दो यात्रियों का होगा जो ऑटो में बैठे थे। मैंने तुरंत वहां से वापस श्री राम नगर कॉलोनी की तरफ तेजी से ऑटो बढ़ा दी और वहीं आकर रुक गया, जहां दोनों व्यक्तियों को उतारा था।'
पढ़ेंः ईमानदारी की मिसाल, ऑटो ड्राइवर ने लौटाया जूलरी से भरा बैग
वहां पहुंचते ही उसे दोनों लोग मिल गए। उन्होंने अपना नाम के. प्रसाद और के किशोर बताया। रामुलू ने पुलिसवालों की मौजूदगी में दोनों को रुपयों से भरा बैग लौटा दिया। के. प्रसाद ने बताया कि दोनों भाई किराने की दुकान चलाते हैं। वे श्री राम नगर में अपना एक घर बनवा रहे हैं। यह रुपये वह उसी के लिए लेकर आए थे।
पढ़ेंः नवी मुंबईः जब ड्राइवर ने लौटाया नवविवाहिता का मंगलसूत्र
के प्रसाद के पैर में फ्रैक्चर था और उसे दर्द हो रहा था। इस कारण ऑटो से उतरने के बाद वे लोग बैग भूल गए। जब उन्हें याद आया तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने वहां पहुंचकर इलाके के सीसीटीवी खंगालने शुरू कर दिए। हालांकि तभी रामुलू रुपये लेकर वहां पहुंच गया।
पढ़ेंः ईमानदारी की मिसाल, रिक्शेवाले ने लौटाया सोने, हीरे और रुपयों से भरा बैग
रामुलू ने कहा, 'मैं इन रुपयों से वर्षों तक एंजॉय कर सकता था लेकिन मैं ऐसी जिंदगी नहीं चाहता था इसलिए मैंने रुपये लौटाने का फैसला लिया।' रामुलू ने बताया कि वह एबी नगर में रहता है। उसके ऊपर 1.5 लाख रुपये का ऑटो लोन है। वह रोज सुबह से रात तक ऑटो चलाकर पांच सौ रुपये कमाता है। उसकी पत्नी मजदूरी करती है और दोनों मिलकर अपने दोनों बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रहे हैं।
इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ें
हैदराबाद के एक ऑटो ड्राइवर ने ईमानदारी की नायाब मिसाल पेश की है। उसके ऑटो में गलती से छूटा रुपयों से भरा बैग उसने लौटा दिया। इस बैग में दस लाख रुपये थे। ऑटो ड्राइवर के ऊपर खुद कर्ज है, लेकिन उसका ईमान नहीं डगमगाया। इस ईमानदारी से खुश होकर सिड्डीपेट में किराने की दुकान चलाने वाले दो भाइयों ने उन्हें दस हजार रुपये का इनाम दिया है।
30 साल के ऑटो ड्राइवर जे. रामुलू नालगोंडा जिले के आदिवासी इलाके देवराकोंडा के रहने वाले हैं। बुधवार को उनके ऑटोरिक्शा में दो आदमी बैठे। रामुलू ने उन्हें गचिबावली इलाके के श्री राम नगर कॉलोनी में छोड़ा। दोनों को उतारने के बाद रामुलू कुछ दूरी पर पहुंचे थे कि उन्होंने देखा कि सीट के पीछे एक बैग रखा है। उन्होंने वह बैग खोला तो देखा कि वह नोटों से भरा था। वह डर गए।
रामुलू ने बताया, 'मैं सिकंदराबाद के जुबली बस स्टेशन के पास लगभग पहुंच चुका था। मुझे एहसास हुआ कि शायद यह बैग उन्हीं दो यात्रियों का होगा जो ऑटो में बैठे थे। मैंने तुरंत वहां से वापस श्री राम नगर कॉलोनी की तरफ तेजी से ऑटो बढ़ा दी और वहीं आकर रुक गया, जहां दोनों व्यक्तियों को उतारा था।'
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वहां पहुंचते ही उसे दोनों लोग मिल गए। उन्होंने अपना नाम के. प्रसाद और के किशोर बताया। रामुलू ने पुलिसवालों की मौजूदगी में दोनों को रुपयों से भरा बैग लौटा दिया। के. प्रसाद ने बताया कि दोनों भाई किराने की दुकान चलाते हैं। वे श्री राम नगर में अपना एक घर बनवा रहे हैं। यह रुपये वह उसी के लिए लेकर आए थे।
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के प्रसाद के पैर में फ्रैक्चर था और उसे दर्द हो रहा था। इस कारण ऑटो से उतरने के बाद वे लोग बैग भूल गए। जब उन्हें याद आया तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने वहां पहुंचकर इलाके के सीसीटीवी खंगालने शुरू कर दिए। हालांकि तभी रामुलू रुपये लेकर वहां पहुंच गया।
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रामुलू ने कहा, 'मैं इन रुपयों से वर्षों तक एंजॉय कर सकता था लेकिन मैं ऐसी जिंदगी नहीं चाहता था इसलिए मैंने रुपये लौटाने का फैसला लिया।' रामुलू ने बताया कि वह एबी नगर में रहता है। उसके ऊपर 1.5 लाख रुपये का ऑटो लोन है। वह रोज सुबह से रात तक ऑटो चलाकर पांच सौ रुपये कमाता है। उसकी पत्नी मजदूरी करती है और दोनों मिलकर अपने दोनों बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रहे हैं।
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