शेखपुरा
पुलवामा हमले में बिहार के दो जवान- हेड कॉन्स्टेबल संजय कुमार सिन्हा और रतन कुमार ठाकुर भी शहीद हो गए थे। बिहार के शेखपुरा जिले की जिलाधिकारी इनायत खान ने दोनों शहीदों के परिवार की मदद के लिए एक फैसला किया है। उन्होंने दोनों शहीद में से एक के परिवार को गोद लेने की इच्छा जताई है।
इसके अलावा उन्होंने दोनों परिवारों की मदद के लिए खाता खोलने के आदेश भी दिए हैं। इसके जरिए शहीदों के परिवार के लिए फंड इकट्ठा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 10 मार्च तक जितनी भी राशि इकट्ठा की जाएगी उसे बराबर-बराबर बांटकर दोनों शहीदों के परिजनों को सौंप दी जाएगी।
इनायत खान ने यह भी कहा, 'व्यक्तिगत रूप से, मैं दोनों शहीद के परिवारों में से किसी एक को गोद लेना चाहूंगी। बता दें कि गुरुवार को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले में हुए आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर ने सीआरपीएफ के काफिले की एक बस को निशाना बनाया था।
इस घटना के बाद से केंद्र और राज्य की सरकारों की तरफ से शहीदों के परिवार को मदद भेजी जा रही है। यही नहीं आम जनता भी शहीदों के परिजनों लिए फंड इकट्ठा करने में मदद दे रही है और अब प्रशासनिक अधिकारी भी इस नेक काम के लिए आगे आ रहे हैं। पुलवामा हमले में शहीद होने वाले हेड कॉन्स्टेबल संजय कुमार सिन्हा बिहार के पटना में रारगढ़ गांव के रहने वाले थे।
जबकि रतन कुमार ठाकुर वह बिहार के भागलपुर के रतनपुर गांव के रहने वाले थे। उनके पिता रामनिरंजन ठाकुर ने कहा था कि वह अपने दूसरे बेटे को भी देश की सेवा और कुर्बानी देने के लिए तैयार रहने को सेना में भेजेंगे लेकिन पाकिस्तान को करारा जवाब मिलना चाहिए।
पुलवामा हमले में बिहार के दो जवान- हेड कॉन्स्टेबल संजय कुमार सिन्हा और रतन कुमार ठाकुर भी शहीद हो गए थे। बिहार के शेखपुरा जिले की जिलाधिकारी इनायत खान ने दोनों शहीदों के परिवार की मदद के लिए एक फैसला किया है। उन्होंने दोनों शहीद में से एक के परिवार को गोद लेने की इच्छा जताई है।
इसके अलावा उन्होंने दोनों परिवारों की मदद के लिए खाता खोलने के आदेश भी दिए हैं। इसके जरिए शहीदों के परिवार के लिए फंड इकट्ठा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 10 मार्च तक जितनी भी राशि इकट्ठा की जाएगी उसे बराबर-बराबर बांटकर दोनों शहीदों के परिजनों को सौंप दी जाएगी।
इनायत खान ने यह भी कहा, 'व्यक्तिगत रूप से, मैं दोनों शहीद के परिवारों में से किसी एक को गोद लेना चाहूंगी। बता दें कि गुरुवार को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले में हुए आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर ने सीआरपीएफ के काफिले की एक बस को निशाना बनाया था।
इस घटना के बाद से केंद्र और राज्य की सरकारों की तरफ से शहीदों के परिवार को मदद भेजी जा रही है। यही नहीं आम जनता भी शहीदों के परिजनों लिए फंड इकट्ठा करने में मदद दे रही है और अब प्रशासनिक अधिकारी भी इस नेक काम के लिए आगे आ रहे हैं। पुलवामा हमले में शहीद होने वाले हेड कॉन्स्टेबल संजय कुमार सिन्हा बिहार के पटना में रारगढ़ गांव के रहने वाले थे।
जबकि रतन कुमार ठाकुर वह बिहार के भागलपुर के रतनपुर गांव के रहने वाले थे। उनके पिता रामनिरंजन ठाकुर ने कहा था कि वह अपने दूसरे बेटे को भी देश की सेवा और कुर्बानी देने के लिए तैयार रहने को सेना में भेजेंगे लेकिन पाकिस्तान को करारा जवाब मिलना चाहिए।
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