कंक्रीट में बदल चुके दिल्ली शहर में जब धीरे-धीरे गौरैया के आशियाने उजड़े तो फड़फड़ाते पंखों को नया ठिकाना जेल में मिला। जी हां, 'राजपक्षी' का दर्जा हासिल गौरैया कहीं दूर नहीं गईं, बल्कि दिल्ली में ही मंडोली जेल में रहती हैं।कंक्रीट में बदल चुके दिल्ली शहर में जब धीरे-धीरे गौरैया के आशियाने उजड़े तो फड़फड़ाते पंखों को नया ठिकाना जेल में मिला। जी हां, 'राजपक्षी' का दर्जा हासिल गौरैया कहीं दूर नहीं गईं, बल्कि दिल्ली में ही मंडोली जेल में रहती हैं।
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