Quantcast
Channel: Good News, Real Inspirational Stories, Real Heroes Positive Views – Navbharat Times
Viewing all articles
Browse latest Browse all 724

बेटियों को कुश्ती, बॉक्सिंग की ट्रेनिंग दे रहे हैं पिता

$
0
0

चंडीगढ़
हरियाणा में पिछले कुछ समय से एक बदलाव देखने को मिला है। हरियाणा में कई पिता अपनी बेटियों को कुश्ती और बॉक्सिंग जैसे खेलों से दूर रखने की जगह अब खुद ही उन्हें ट्रेनिंग दे रहे हैं। सोमवार को द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित महावीर सिंह फोगट की तरह ही हरियाणा में कई पिता अपनी बेटियों को बॉक्सिंग और कुश्ती जैसे खेलों के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं। महावीर सिंह फोगट की बड़ी बेटी गीता फोगट ने 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में देश को पहला गोल्ड मेडल दिलाया था। उनकी ही बेटी बबीता और भतीजी विनेश ने भी 2014 के ग्लास्गो के राष्ट्रमंडल खेलों में देश को गोल्ड मेडल दिलाया था।

गीता और बबीता की तरह भारत केसरी अवॉर्ड पाने वाली देश की पहली पहलवान सोनिका कालिरमन को भी उनके पिता चंदगी राम ने ही ट्रेनिंग दी थी। नैशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली नुपुर को उनके पिता संजय शेरोन अभी भी ट्रेनिंग दे रहे हैं। हो सकता है आने वाले समय में लोग संजय शेरोन को भी महावीर सिंह की तरह ही मशहूर होता देखें।

नूपुर अभी सिर्फ 17 साल की हैं और वह 2015 की नैशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप की 75 किग्रा वर्ग में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। उनके पिता संजय शेरोन ने कहा, 'नूपुर को पिछले 4 साल से ट्रेनिंग दी जा रही है। हमारा टार्गेट 2020 के ओलिंपिक में मेडल लाना है।' शेरोन ने कहा कि परिवार वाले लड़कियों को इन गेम्स में उनकी शारीरिक बनावट के कारण भाग लेने से रोकते हैं। परिवारवालों को उनके शरीर को चोट लगने का खतरा रहता है। परिवार वालों का मानना है कि इससे शादी में दिक्कत आ सकती है लेकिन यह एक मिथ है।'

NBT को और बेहतर बनाने के लिए सर्वे में हिस्सा लें, यहां क्लिक करें।




हिसार के जिला खेल अधिकरी सूबे सिंह बेनीवाल ने कहा, 'पिछले कुछ समय में हरियाणा में महिला पहलवानों की लगातार सफलता से लोगों की सोच में बदलाव आया है। अब अधिक से अधिक परिवार वाले अपनी बेटियों को ट्रेनिंग दिला रहे हैं। वे भी अपनी बेटियों को अंतरराष्ट्रीय लेवल पर देखना चाहते हैं।'

सूबे सिंह की दोनों बेटियों पूनम और प्रीती बेनीवाल ने 12 साल की उम्र से ही बॉक्सिंग सेशन लेना शुरू कर दिया था। पूनम ने 2009 में 52किग्रा वर्ग में नैशनल चैंपियनशिप जीती थी और प्रीती ने 6 बार 60 किग्रा में वर्ग में नैशनल चैंपियनशिप जीती है। वर्तमान में प्रीती (28) हरियाणा पुलिस में इंस्पेक्टर है। वहीं, पूनम (29) नेताजी सुभाष नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स में पटियाला में कोच है।



संजय शेरोन का कहना है कि 2020 के ओलिंपिक के लिए सरकार को अभी से प्लेयरों की और ध्यान देने की जरूरत है। एक परिवार एक पहलवान की रोज की खुराक पर होने वाला 1000 से 1500 रुपये का खर्च वहन नहीं कर सकता। सरकार को उनकी मदद करने की जरूरत है। आमतौर पर सरकार ऐसी सहायता ओलिंपिक से 6 महीने पहले देना शुरू करती है, जो कि बहुत देर से होता है।

इस खबर को अंग्रेजी में यहां पढ़ें: Haryana men wrestle social norms to train their daughters

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


Viewing all articles
Browse latest Browse all 724

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>