फौजी सिर्फ सरहदों की रक्षा नहीं करते। गांव-समाज की बेहतरी की चिंता भी उनके जेहन में रहती है। 34 साल देश की सेवा के बाद सूबेदार मेजर भग्गुराम मौर्य गांव पहुंचे तो उन्होंने पीएफ की राशि से गांव की सड़क बनाकर मिसाल पेश की। 10 फीट चौड़ी और डेढ़ किमी. लंबी सड़क ने कई बस्तियों को ‘विकास पथ’ से जोड़ा है।फौजी सिर्फ सरहदों की रक्षा नहीं करते। गांव-समाज की बेहतरी की चिंता भी उनके जेहन में रहती है। 34 साल देश की सेवा के बाद सूबेदार मेजर भग्गुराम मौर्य गांव पहुंचे तो उन्होंने पीएफ की राशि से गांव की सड़क बनाकर मिसाल पेश की। 10 फीट चौड़ी और डेढ़ किमी. लंबी सड़क ने कई बस्तियों को ‘विकास पथ’ से जोड़ा है।
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