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इस इंजिनियर ने पेश की ईमानदारी की मिसाल

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अनंत सुब्रमण्यम के, बेंगलुरु
मल्टिनैशनल कंपनी में काम करने वाले एक इंजिनियर ने ईमानदारी की मिसाल पेश की है। उन्होंने एक शख्स के वे 5,500 रुपये वापस लौटा दिए जो उन्हें एक एटीएम के अंदर पड़े मिले थे। एटीएम में अदंर रुपये गिरने और फिर सही शख्स तक पहुंचने की यह कहानी दिलचस्प है और सीख देती है कि एटीएम में पैसे जमा कराते समय की गई जल्दबाजी किस तरह भारी पड़ सकती है।

यह रुपये दरअसल टेलर का काम करने वाले शेख गियासुद्दीन नाम के व्यक्ति के थे जो ईद से दो दिन पहले काफी परेशान थे। उन्होंने ईद से ठीक पहले शनिवार (24 जून) को 5,500 रुपये फेडरल बैंक के एटीएम में जमा कराए थे। गियासुद्दीन पैसे जमा कराने के बाद एटीएम से तुरंत बाहर आ गए, क्योंकि उन्हें नमाज के लिए देर हो रही थी। जल्दबाजी में उन्हें ध्यान नहीं रहा कि मशीन से उन्हें उसकी रसीद नहीं मिली है।

जिस वक्त गियासुद्दीन एटीएम से निकले, उसी दौरान निशांत श्रीनिवास एटीएम के बाहर से गुजर रहा थे। एटीएम से आती बीप की आवाज को सुनकर वह अंदर गए तो देखा कि वहां कोई नहीं है और मशीन से कुछ नोट निकलकर नीचे गिरे हुए हैं। उसने उन नोटों को उठा लिया। श्रीनिवास ने बताया, 'मैंने देखा कि वहां कोई सिक्यॉरिटी गार्ड भी नहीं था। मैं बैंक मैनेजर से मिलकर इन पैसों को वापस करना चाहता था, पर समझ नहीं आ रहा था कि कैसे करूं। फिर मुझे ख्याल आया कि पहले रविवार और फिर सोमवार को ईद की वजह से बैंक दो दिन बंद रहेगा। मैंने अपने एक दोस्त से मदद मांगी। उसने मुझे पुलिस से संपर्क करने की सलाह दी।'

उधर हर महीने 10,000 से 16,000 रुपये कमाने वाले गियासुद्दीन काफी परेशान थे क्योंकि उनके लिए 5,500 रुपये बड़ी रकम थी। उन्हें अब तक मोबाइल पर भी पैसे जमा होने का अलर्ट नहीं आया था। दो दिन की छुट्टी के बाद मंगलवार को श्रीनिवास ने फेडरल बैंक के मैनेजर से मिलकर उन्हें पैसे लौटाए और उसके रसीद भी ली। कुछ देर बाद गियासुद्दीन भी बैंक में यह शिकायत लेकर पहुंचे कि उन्होंने बैंक में रुपये जमा कराए गए थे, लेकिन वह रकम उनके अकाउंट में नहीं आई है। बैंक ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से यह सुनिश्चित किया कि वे पैसे गियासुद्दीन के ही हैं और फिर उनके अकाउंट में उसे जमा करा दिया गया।

जब गियासुद्दीन को पता चला कि श्रीनिवास की ईमानदारी से उन्हें उनके पैसे वापस मिले हैं, तो उन्होंने बुधवार को उन्हें कॉल किया। श्रीनिवास ने बताया, 'हम बैंक के पास ही मिले, वह इतने खुश थे कि जाते समय उन्होंने आभार जताते हुए मेरे गाल को चूमा।' बैंक मैनेजर ने भी श्रीनिवास की ईमानदारी पर खुशी जाहिर करते हुए गियासुद्दीन को भविष्य में पैसे जमा कराते समय और अलर्ट रहने की हिदायत दी।

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