प्रियंका नरूला, नोएडा
नोएडा के एक स्कूल की छात्रा स्नेहा मखिजानी ने अकेले ही सड़क पर लोगों को ट्रैफिक रूल्स के बारे में समझाने का अभियान शुरू किया। हालांकि, अभी खुद स्नेहा की उम्र इतनी नहीं कि वह ड्राइविंग कर सकें लेकिन फिर भी उन्होंने सड़क पर लोगों को सेफ्टी और ड्राइविंग रूल्स के बारे में बताने का कैंपेन शुरू किया।
स्नेहा के इस कैंपेन पर हमारे सहयोगी अखबार नोएडा टाइम्स ने एक स्पेशल स्टोरी की थी, जिसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने स्नेहा के इस साहस और प्रयास को पहचाना। स्नेहा तब 11 साल की थी जब उनका परिवार यूएस से इंडिया शिफ्ट हो गया। तब उन्होंने देखा कि यहां लोग किस तरह सड़कों पर गाड़िया चलाते हैं, उन्हें इससे दुख हुआ। 3 साल पहले स्नेहा ने लोगों से इसके बारे में बात करनी शुरू की और अब वह ड्राइवरों के पास जाती हैं और उनसे थोड़ी देर रुक कर बात करती हैं। वह उन्हें ट्रैफिक रूल्स के बारे में पूछती हैं, बताती हैं और उनकी परेशानियों के बारे में भी जानती हैं।
नोएडा टाइम्स की स्टोरी को देखने के बाद डीजीपी के जनसंपर्क अधिकारी एएसपी राहुल श्रीवास्तव ने ट्वीट किया, 'उन तक मेरा सलाम पहुंचाएं और उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से उन्हें यह आश्वासन दीजिए कि उनके नेक काम के लिए हर मुमकिन मदद मुहैया कराई जाएगी।'
उन्होंने कहा,' यूएस से आई हुई एक स्कूली छात्रा यहां नोएडा में ट्रैफिक के लिए काम करने की कोशिश कर रही है, यह सच में एक नेक काम है। मुझे लगता है कि बहुत सारे लोगों की नजरों में ऐसी चीजें आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह स्नेहा का नाम नोएडा एसएसपी को रेकमेंड करेंगे। उन्हें जल्द ही समाज की भलाई में योगदान देने के लिए सम्मानित किया जाएगा।
नोएडा के एक स्कूल की छात्रा स्नेहा मखिजानी ने अकेले ही सड़क पर लोगों को ट्रैफिक रूल्स के बारे में समझाने का अभियान शुरू किया। हालांकि, अभी खुद स्नेहा की उम्र इतनी नहीं कि वह ड्राइविंग कर सकें लेकिन फिर भी उन्होंने सड़क पर लोगों को सेफ्टी और ड्राइविंग रूल्स के बारे में बताने का कैंपेन शुरू किया।
स्नेहा के इस कैंपेन पर हमारे सहयोगी अखबार नोएडा टाइम्स ने एक स्पेशल स्टोरी की थी, जिसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने स्नेहा के इस साहस और प्रयास को पहचाना। स्नेहा तब 11 साल की थी जब उनका परिवार यूएस से इंडिया शिफ्ट हो गया। तब उन्होंने देखा कि यहां लोग किस तरह सड़कों पर गाड़िया चलाते हैं, उन्हें इससे दुख हुआ। 3 साल पहले स्नेहा ने लोगों से इसके बारे में बात करनी शुरू की और अब वह ड्राइवरों के पास जाती हैं और उनसे थोड़ी देर रुक कर बात करती हैं। वह उन्हें ट्रैफिक रूल्स के बारे में पूछती हैं, बताती हैं और उनकी परेशानियों के बारे में भी जानती हैं।
नोएडा टाइम्स की स्टोरी को देखने के बाद डीजीपी के जनसंपर्क अधिकारी एएसपी राहुल श्रीवास्तव ने ट्वीट किया, 'उन तक मेरा सलाम पहुंचाएं और उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से उन्हें यह आश्वासन दीजिए कि उनके नेक काम के लिए हर मुमकिन मदद मुहैया कराई जाएगी।'
उन्होंने कहा,' यूएस से आई हुई एक स्कूली छात्रा यहां नोएडा में ट्रैफिक के लिए काम करने की कोशिश कर रही है, यह सच में एक नेक काम है। मुझे लगता है कि बहुत सारे लोगों की नजरों में ऐसी चीजें आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह स्नेहा का नाम नोएडा एसएसपी को रेकमेंड करेंगे। उन्हें जल्द ही समाज की भलाई में योगदान देने के लिए सम्मानित किया जाएगा।
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